जेनेरिक दवाएं लिखने के नियमों का पालन नहीं करने पर अब डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। केंद्र सरकार के अस्पतालों और सीजीएचएस वेलनेस सेंटरों के लिए सोमवार को जारी चेतावनी में कहा गया है कि अब अस्पताल परिसरों में चिकित्सा प्रतिनिधियों के प्रवेश पर भी पूरी तरह पाबंदी होगी।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. अतुल गोयल ने कहा, केंद्र सरकार अस्पतालों, स्वास्थ्य योजना कल्याण केंद्रों (सीजीएचएस) और पॉलीक्लिनिक के डॉक्टरों को कई बार जेनेरिक दवाएं लिखने के निर्देश जारी किए गए हैं। इसके बावजूद अलग-अलग अस्पतालों के रेजिडेंट एवं विशेषज्ञ डॉक्टर मरीजों को ब्रांडेड दवाएं लिख रहे हैं। ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
मरीजों पर पड़ रहा अतिरिक्त बोझ
डॉ. अतुल गोयल ने कहा, ब्रांडेड दवाओं की प्रैक्टिस से न सिर्फ मरीजों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ रहा, बल्कि यह नियमों के खिलाफ भी है। मरीजों को कई बार ब्रांडेड दवाओं के लिए दुकानों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। दिल्ली एम्स सहित केंद्र सरकार के सभी अस्पताल और डिस्पेंसरी को ब्रांडेड दवाओं की प्रैक्टिस तत्काल बंद करनी होगी। मौजूदा समय में जनऔषधि और अमृत फॉर्मेसी पर काफी सस्ती दवाएं उपलब्ध हैं।
ई-मेल से मिलेगी नई दवा की सूचना
आदेश में कहा गया है, यह सुनिश्चित करना होगा कि सरकारी अस्पतालों के परिसर में चिकित्सा प्रतिनिधि का दौरा प्रतिबंधित किया जाए। किसी नई दवा के लॉन्च के बारे में कोई भी जानकारी केवल ई-मेल के माध्यम से ही प्राप्त की जाए।
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